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राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए बड़ा फैसला, एक जनवरी से लागू होंगे ये नियम

देहरादून: उत्तराखंड में संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। बताया जा रहा है कि सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के साथ ही डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की जिम्मेदारी तय करने के लिए एसओपी बनाई है। जिसका पालन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही डॉक्टर्स को भी करना होगा। इसके अलावा सभी डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य रूप से लगानी होगी। आइए जानते है क्या होगा एसओपी में खास।। ये भी पढ़ेंः एम्स ऋषिकेश में तीन शहरों के दूरस्थ क्षेत्रों में शुरू होगी ड्रोन मेडिकल सेवा मरीजों को मिलेगी सुविधा!

डॉक्टरों की होगी बायोमेट्रिक अटेंडेंस

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बुधवार को शासकीय आवास पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए की प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए एसओपी तैयार की जाये. इस एसओपी में चिकित्सकों से लेकर कर्मचारियों के कामों और दायित्वों के निर्वहन की स्पष्ट रूपरेखा तैयार की जायेगी. जिसका पालन सभी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से करना होगा. ऐसे में जो कर्मचारी एसओपी का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसी क्रम में मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के साथ ही सभी कर्मचारियों की बायोमेट्रिक हाजिरी भी अनिवार्य की जाएगी. ये व्यवस्था नए साल से लागू हो जाएगी. ये भी पढ़ेंः 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एंड आरोग्य एक्सपो का उत्तराखंड में होने वाला है आयोजन, तैयारियां तेज

क्या है मेडिकल कॉलेज की नई एसओपी के नियम

राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को प्रतिदिन दिये जाने वाले भोजन का मेन्यू प्रत्येक वार्ड में चस्पा करना होगा. मरीजों को किसी भी प्रकार के संक्रमण से पचने के लिए हर दिन भर्ती मरीजों के बेड की चादर बदलनी होगी. इसके लिए सप्ताह में सातों दिन के लिए अलग-अलग चादरों का रंग निर्धारित किया जाएगा. मेडिकल कॉलेज और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में साफ सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी वार्ड के नर्सिंग इंचार्ज और कॉलेज के सुपरीटेंडेंट की होगी. अस्पताल में भर्ती मरीजों से मिलने का समय तय किया जाएगा.

एसओपी 1 जनवरी 2025 से लागू होगी

आईसीयू और जच्चा बच्चा वार्ड में भर्ती मरीजों से मिलने की इजाजत किसी को नहीं होगी. एक मरीज के साथ एक ही तीमारदार वार्ड के अंदर जा सकेगा. इसके साथ ही मरीजों को दिये जाने वाले भोजन की भी लगातार मॉनिटिरिंग की जायेगी. बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिए कि ये सभी व्यवस्थाएं प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेज में 1 जनवरी 2025 से लागू की जाएगी. इसके अलावा, मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के खाली पदों को भी जल्द से जल्द भरने के साथ ही आवश्यकतानुसार पैरामेडिकल, टेक्नीशियन और वार्ड ब्वॉय की आउटसोर्सिंग के जरिए तैनाती करने के निर्देश दिए हैं.

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Written by Neeraj Gusain

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