उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आ रही है। मोरी विकासखंड के ढाटमीर गांव निवासी जयवीर सिंह (42 वर्ष), पुत्र तालीराम की आज सुबह जंगल में एक विशाल देवदार का पेड़ गिरने से मौत हो गई। जयवीर सिंह रोज की तरह अपनी भेड़-बकरियों को लेकर जंगल में चराने गए थे, लेकिन अचानक आए खराब मौसम और तेज हवा के कारण एक भारी-भरकम देवदार का पेड़ उनके ऊपर गिर गया। हादसा इतना भीषण था कि जयवीर की मौके पर ही मौत हो गई।
हादसे की पूरी घटना
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ढाटमीर गांव निवासी जयवीर सिंह आज सुबह अपने मवेशियों को लेकर गांव से कुछ दूर जंगल की ओर गए थे। पहाड़ी क्षेत्रों में पशुपालन और बकरी-भेड़ पालन आजीविका का अहम साधन है और ग्रामीण प्रतिदिन इन्हें चराने जंगलों में ले जाते हैं। इसी क्रम में जयवीर सिंह भी सुबह जंगल पहुंचे थे।
बताया जा रहा है कि उस समय मौसम काफी खराब हो गया था। आसमान में बादल छा गए थे और तेज हवा चलने लगी थी। तभी अचानक एक विशाल और पुराना देवदार का पेड़ तेज हवा की वजह से धराशायी हो गया। दुर्भाग्यवश, पेड़ की चपेट में जयवीर आ गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। आसपास कोई मौजूद नहीं होने के कारण उन्हें तुरंत मदद नहीं मिल सकी और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
ग्रामीणों में शोक की लहर
जब काफी देर तक जयवीर सिंह घर नहीं लौटे, तो परिजनों और गांव वालों को चिंता हुई। कुछ ग्रामीणों ने जंगल की ओर जाकर उनकी खोजबीन शुरू की। खोजबीन के दौरान ग्रामीणों ने देखा कि एक पेड़ गिरा हुआ है और उसके नीचे जयवीर सिंह का शरीर दबा हुआ है। यह दृश्य देखकर सभी की आंखें नम हो गईं।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। शव को पेड़ के नीचे से बाहर निकालकर पंचनामा की कार्यवाही की गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
प्रशासन से सहायता की मांग
जयवीर सिंह की मृत्यु से गांव में शोक की लहर है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। उनका कहना है कि जयवीर सिंह अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे और उनकी असमय मृत्यु से परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है।
मोरी ब्लॉक के स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और प्रशासन से जल्द से जल्द मुआवजा राशि जारी करने की अपील की है।
पहाड़ों में बढ़ता खतरा
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जिंदगी कितनी कठिन है। हर दिन अपनी आजीविका के लिए लोग जोखिम उठाकर जंगलों और दुर्गम स्थानों में जाते हैं। जंगलों में पेड़ों के गिरने की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं आम तौर पर नजरअंदाज कर दी जाती हैं।
स्थानीय लोगों ने वन विभाग से अपील की है कि पुराने और जर्जर पेड़ों की समय-समय पर जांच कर उन्हें हटाया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
इस तरह की घटनाएं न केवल हृदयविदारक होती हैं, बल्कि यह भी संकेत देती हैं कि प्राकृतिक आपदाएं या अचानक आने वाले जोखिम ग्रामीण जीवन पर किस प्रकार भारी पड़ते हैं। प्रशासन और वन विभाग को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार की दुःखद घटनाएं रोकी जा सकें।
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