देहरादून/नई दिल्ली* – विदेश जाने के सपने संजोए युवाओं के साथ फर्जीवाड़े का एक और मामला सामने आया है। कुछ युवकों ने आरोप लगाया है कि एक एजेंट ने उन्हें जर्मनी भेजने का झांसा देकर दो-दो लाख रुपये ऐंठ लिए और बदले में फर्जी ऑफर लेटर थमा दिया। जब उनका वीजा अप्लाई किया गया तो वह रिजेक्ट हो गया और उन्हें वीज़ा कैंसिलेशन लेटर थमा दिया गया।
पीड़ितों के अनुसार, इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाला शख्स वीर सिंह नामक एजेंट है, जिसने भरोसा दिलाया था कि वह उन्हें जर्मनी में नौकरी दिलवाएगा। शुरुआत में सब कुछ सही लग रहा था, लेकिन जैसे ही पैसे ट्रांसफर किए गए, एजेंट ने फोन उठाना बंद कर दिया और अब उसका नंबर भी स्विच ऑफ आ रहा है।
पीड़ितों ने बताया कि वीर सिंह ने उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र (Offer Letter) दिया था, जो पहली नज़र में असली लग रहा था। लेकिन जब यह डॉक्युमेंट वीजा ऑफिस में प्रस्तुत किया गया तो जर्मन अथॉरिटीज़ ने इसे मान्यता देने से इनकार कर दिया और स्पष्ट कर दिया कि यह दस्तावेज़ फर्जी है।
इस घटना से क्षुब्ध पीड़ितों ने अब पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही उनका पैसा वापस नहीं किया गया तो वे मीडिया के जरिए इस मामले को उजागर करेंगे और संबंधित एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
*बढ़ते फर्जीवाड़े पर चिंता*
यह कोई पहला मामला नहीं है। भारत में आए दिन विदेश भेजने के नाम पर ठगी की खबरें सामने आती रहती हैं। ऐसे में यह बेहद ज़रूरी है कि लोग किसी भी एजेंट या कंसल्टेंसी पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। ऑफर लेटर की सत्यता की पुष्टि संबंधित देश की आधिकारिक वेबसाइट या दूतावास से अवश्य कर लें।
*पुलिस और प्रशासन से अपील*
पीड़ितों ने प्रशासन और पुलिस से अपील की है कि इस तरह के फर्जी एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई और युवा इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार न हो।
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