in

भावना रावलभावना रावल हल्द्वानी न्य़ूजहल्द्वानी न्य़ूज भगवान श्री कृष्णभगवान श्री कृष्ण

भावना रावल ने भगवान श्री कृष्ण संग लिए साथ फेरे, अनोखी शादी चर्चाओं में

हल्द्वानीः मीराबाई की भगवान श्री कृष्ण की भक्ति की कहानियां तो जगजाहिर है लेकिन इस समय चर्चा में है मीरा की तरह श्री कृष्ण की भक्ति में लील भावना की कहानी। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक शादी चर्चा में है ये शादी है हल्द्वानी की 55 साल की भावना रावल और भगवान श्री कृष्ण की। जी हां बैंड की धुन पर थिरकतीं महिलाएं। फूलों से सजे वाहन में सवार दूल्हे के रूप में भगवान श्री कृष्ण की मुर्ती। हर रस्म अपनी तरह से पूरी होती। गोद में कृष्ण की प्रतिमा लिए दुल्हन विदा होती है। आइए आपको इस शादी की पूरी कहानी बताते है।

ये भी पढेंः उत्तराखंड में सूखी ठंड से मिलेगी राहत, इन जिलों में बारिश-बर्फबारी की संभावना

Table of Contents

भगवान कृष्ण के प्रति दीवानगी शादी में बदली

बताया जा रहा है कि हल्द्वानी के तिकोनिया इलाके की रहने वाली 55 साल की भावना रावल की भगवान कृष्ण के प्रति दीवानगी इतनी बढी की उन्होंने भगवान लड्डू गोपाल (भगवान कृष्ण) के साथ धूमधाम से शादी की है। बचपन से उनका नाता भगवान कृष्ण के संग रहा है। छोटी उम्र में दूसरे बच्चे गुड्डा-गुड़िया के संग खेलते थे, जबकि वह भगवान की मूर्ति के साथ खेला करती थीं। उनका प्रेम रंग लाया और अब उनकी शादी भगवान के साथ करा दी गई।

मंदिर में विधि विधान के साथ विवाह संपन्न

जी हां बृहस्पतिवार को शुभ मुहूर्त में आवास विकास कॉलोनी से बैंडबाजे के साथ बरात निकली। वृंदावन से डोली में विराजमान होकर दूल्हे के रूप में आई भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति संग बराती जमकर नाचे। जहां भगवान कृष्ण बारात लेकर भावना के घर पहुंचे, दुल्हे के साथ में बराती आतिशबाजी के साथ पहुंचे तो वहीं नख-शिख शृंगार से सजी-धजी दुल्हन समेत घराती बेसब्री से बरात का इंतजार करते दिखी। जिसके बाद धूमधाम के साथ मंदिर में विधि विधान के साथ विवाह संपन्न हुआ। विवाह का खर्च मंदिर समिति समेत स्थानीय निवासियों और प्रबुद्ध लोगों ने वहन किया।

ये भी पढेंःदिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्यों का CM ने किया निरीक्षण, दिए ये निर्देश

कुमाऊंनी रीति रिवाज से की गई शादी

भावना के भाई ने बताया कि उनके माता पिता का निधन हो चुका है। वह तीन भाई है। बचपन से भावना भक्ति भाव वाली रहीं, इसलिए शादी के लिए जितने भी रिश्ते आए, उन्होंने सभी को मना कर दिया। मंदिर के साथ घर में भी वह भजन-कीर्तन में ही रमी रहती हैं। सभी ने राय दी कि इतने साल उन्होंने सेवा की है, इसलिए उनका विवाह भगवान कृष्ण के साथ कर दिया जाए। जिसके लिए तैयारियां की गई। रिश्तेदारों को भी बुलाया गया। शादी पूरी कुमाऊंनी रीति रिवाज से की गई।

अनोखी शादी में बड़ी संख्या में शामिल हुई महिलाएं

इतना ही नहीं कान्हा की प्रतिमा को बृदावन से मंग भावना के तिकोनिया स्थित आवास पर बुधवार को गणेश पूजा, हल्दी और मेहंदी की रस्म भी हुई थी। बारात में आए लोग भोज कार्यक्रम में भी शामिल हुए. इस दौरान महिलाओं द्वारा मांगल गीत भी गाये गए। शादी का आयोजन मंदिर समिति और समाज सेवा समिति द्वारा किया गया था। इस अनोखी शादी को देखने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची हुई और भावना को आशीर्वाद के तौर पर उपहार भी दिए।

What do you think?

Written by Neeraj Gusain

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

GIPHY App Key not set. Please check settings

उत्तराखंड में भारतीय सेना का वाहन हादसे का शिकार, कई जवान थे सवार

सीएम धामी ने होमगार्ड जवानों को दी बड़ी सौगात, की ये घोषणाएं