अंकिता भंडारी हत्याकांड लगभग तीन साल तक न्याय की राह देखने के बाद अंकिता भंडारी हत्याकांड में आखिरकार अदालत ने बड़ा फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस जघन्य अपराध के तीनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सज़ा दी है।
कोर्ट का फैसला: पुलकित आर्य समेत तीनों को सख्त सज़ा
अदालत ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य को हत्या (धारा 302) के तहत कठोर आजीवन कारावास और ₹50,000 का जुर्माना सुनाया है। इसके अलावा:
- सबूत नष्ट करने (धारा 201) पर 5 साल की सज़ा व ₹10,000 जुर्माना
- यौन उत्पीड़न (धारा 354A) में 2 साल की सज़ा व ₹10,000 जुर्माना
- आईटीपीए धारा 3(1)(d) के तहत 5 साल की सज़ा व ₹2,000 जुर्माना
वहीं, अन्य दो दोषियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी धारा 302 और 201 के तहत उम्रकैद और आर्थिक दंड सुनाया गया है। अदालत ने तीनों दोषियों पर समान सख्ती बरती है।
पीड़िता के परिवार को मिलेगा मुआवज़ा
न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि मृतका के परिजनों को ₹4 लाख रुपए की प्रतिपूर्ति राशि दी जाए, ताकि उन्हें कुछ आर्थिक राहत मिल सके।
कैसे पहुंचा केस इस मोड़ तक?
इस केस की पहली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को हुई थी। पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने करीब 500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी।
इसके बाद 28 मार्च 2023 से गवाहों की प्रक्रिया शुरू हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से 47 गवाहों को पेश किया गया, जबकि SIT ने शुरुआती जांच में 97 गवाहों की सूची तैयार की थी।
करीब दो साल आठ महीने चली कानूनी प्रक्रिया के बाद आज अंकिता को न्याय मिला है। यह फैसला उत्तराखंड की न्यायिक व्यवस्था के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।
अंकिता भंडारी हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। लेकिन आज कोर्ट के इस फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया कि अपराध कितना भी ताकतवर हो — न्याय की डगर पर देर जरूर हो सकती है, लेकिन अंधेर नहीं।
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