in

Kargil Vijay Diwas: सीएम का तोहफा, उत्तराखंड में परमवीर चक्र विजेताओं को अब मिलेगी डेढ़ करोड़ की अनुग्रह राशि

Kargil Vijay Diwas 2025: सीएम धामी ने खटीमा में आयोजित सैनिक सम्मान समारोह में परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि बढ़ाने की घोषणा की थी। आज सीएम ने इसका अनुमोदन कर दिया है।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर सैनिकों को बड़ा तोहफा दिया है। परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि अब डेढ़ करोड़ रुपये दी जाएगी। अभी तक यह राशि 50 लाख रूपये थी। इसके अलावा उन्हें वार्षिक अनुदान राशि के रूप में तीन लाख रुपये मिलते रहेंगे।

 

सीएम धामी ने खटीमा में आयोजित सैनिक सम्मान समारोह में परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली अनुग्रह राशि बढ़ाने की घोषणा की थी। सीएम के पिता स्वर्गीय सूबेदार शेर सिंह धामी की पुण्यतिथि के मौके पर यह समारोह आयोजित किया गया था। सैनिक कल्याण विभाग के प्रस्ताव को अब मुख्यमंत्री ने अनुमोदन दे दिया है।

 

कहा कि जून 2022 से पहले परमवीर चक्र विजेता को मिलने वाली अनुग्रह राशि 30 लाख रूपये थी। कैबिनेट ने 10 जून 2022 को इस राशि को बढ़ाकर 50 लाख करने का निर्णय लिया। इसके बाद, 14 जुलाई 2022 को इस संबंध में शासनादेश भी जारी हो गया। अब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एकमुश्त धनराशि को 50 लाख से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दिया है।

 

सीएम धामी ने कहा कि हमारे देश की सीमाएं हमारे वीर सैनिकों के शौर्य, साहस और बलिदान के कारण सुरक्षित हैं। ऐसे में प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह सैनिकों की वीरता, समर्पण और बलिदान का सम्मान करे। उत्तराखंड न केवल देवभूमि है, बल्कि वीरभूमि भी है, जिसने देश को अनेक वीर सैनिक दिए हैं। एक सैनिक और उसके परिवार का जीवन अनुशासन, त्याग और सेवा की मिसाल होता है। राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है तथा उनके हितों की रक्षा के लिए निरंतर ठोस और प्रभावी निर्णय ले रही है।

What do you think?

Written by Prachi Saklani

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

GIPHY App Key not set. Please check settings

बदरीनाथ हाईवे पर हादसा: मतदान के लिए गांव आ रहे लोगों का वाहन सड़क पर पलटा, पूर्व प्रधान की मौत, कई घायल

Uttarakhand: मुख्यमंत्री धामी ने स्कूलों का नाम बलिदानियों के नाम पर रखा, चार विद्यालयों के नाम बदले गए