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गैरसैंण में चार दिवसीय विधानसभा सत्र डेढ़ दिन में खत्म, विपक्ष का हंगामा और 9 विधेयक पास

गैरसैंण में चार दिवसीय विधानसभा सत्र के दौरान हंगामा, विपक्ष के विरोध के बीच विधेयक और बजट पास

गैरसैंण में चार दिवसीय विधानसभा सत्र के दौरान हंगामा, विपक्ष के विरोध के बीच विधेयक और बजट पास

चमोली: उत्तराखंड की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है। चमोली जिले के गैरसैंण में चार दिवसीय विधानसभा सत्र मंगलवार से शुरू हुआ था, लेकिन हंगामे और विवादों के बीच यह सत्र केवल डेढ़ दिन में ही समाप्त हो गया।

इस दौरान सदन में कांग्रेस और विपक्षी विधायकों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सदन की कार्यवाही को लगभग 8 बार स्थगित करना पड़ा। निर्दलीय विधायक संजय डोभाल भी विपक्ष के साथ धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए। इसी बीच कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने सदन में कागज फाड़कर उछाले और माहौल और अधिक गरमा गया।

विपक्ष के इस विरोध के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा में नौ विधेयक पेश किए, जिन्हें बुधवार को पारित कर दिया गया। साथ ही, सदन ने 5315 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट भी पास कर दिया।

गैरसैंण में चार दिवसीय विधानसभा सत्र के दौरान हंगामा, विपक्ष के विरोध के बीच विधेयक और बजट पास

पारित हुए प्रमुख विधेयक

  1. उत्तराखंड अल्पसंख्यक विधेयक – इसके तहत अब राज्य में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक प्राधिकरण गठित होगा। मदरसों के साथ-साथ सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध और पारसी समुदायों के शैक्षिक संस्थानों को मान्यता का रास्ता साफ होगा। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत करने और विद्यार्थियों के हितों की सुरक्षा के लिए अहम माना जा रहा है।
  2. समान नागरिक संहिता संशोधन विधेयक – लिव-इन-रिलेशनशिप से जुड़े कानून और कठोर कर दिए गए हैं। शादीशुदा होते हुए भी यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य के साथ लिव-इन में रहता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
  3. धर्मांतरण कानून संशोधन – जबरन धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ अब उम्रकैद (आजीवन कारावास) तक का प्रावधान किया गया है।

विपक्ष का आरोप

विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने गैरसैंण में चार दिवसीय विधानसभा सत्र को जल्दबाजी में खत्म कर लोकतांत्रिक परंपराओं की अनदेखी की है। उनका कहना है कि जनता से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा तक नहीं होने दी गई।

सरकार का पक्ष

वहीं सरकार का कहना है कि विपक्ष केवल हंगामे की राजनीति कर रहा है और राज्यहित में लिए गए फैसलों को रोकने की कोशिश कर रहा है।

इस तरह गैरसैंण में चार दिवसीय विधानसभा सत्र हंगामे और विरोध के बीच डेढ़ दिन में ही खत्म हो गया। हालांकि सत्र छोटा रहा लेकिन इसमें कई बड़े फैसले लिए गए, जो आने वाले समय में उत्तराखंड की राजनीति और समाज दोनों पर गहरा असर डालेंगे।

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