रिपोर्टर हरीश शर्मा/ देहरादूनः राजधानी देहरादून की पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जहां पटेल नगर कोतवाली में हुई प्रॉपर्टी डीलर की हत्या के मामले में 24 घंटे के भीतर खुलासा किया तो वहीं अब मामले में नया मोड़ आया है. इस मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसमें हत्या का मास्टरमाइंड ‘फौजी’ भी शामिल है. आरोपियों ने पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इस मामले में पुलिस ने कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
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मामले में एसओजी प्रभारी कुंदन ने बताया कि मामले में पुलिस दो आरोपियों को पहले ही देहरादून और हरियाणा से गिरफ्तार कर चुकी है। दूसरे आरोपी सचिन से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने मुख्य आरोपी संजय उर्फ फौजी का नाम बताया. पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी को लेकर मंजेश कुमार और संजय उर्फ फौजी के बीच कुछ विवाद था। फौजी और मंजेश दोनों प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे. दोनों पार्टनर भी थे। फौजी ने देहरादून में राजपुर रोड़, सहस्त्रधारा और झाझरा हाईवे पर जमीन प्लॉटिंग के लिए उठायी थी, जिसमें मंजेश उससे आधी हिस्सेदारी मांग रहा था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था।
इस विवाद के बीच मंजेश ने अर्जुन गुसाईं को संजय उर्फ फौजी को मारने की सुपारी दी और उसके एवज में उसे अच्छा पैसा देने की बात कही थी. लेकिन मंजेश के आपराधिक प्रवृत्ति का होने के कारण अर्जुन ने इस काम से इनकार कर दिया और ये बात संजय उर्फ फौजी को भी बता दी. संजय ने अर्जुन को बताया कि उसने राजपुर रोड, सहस्त्रधारा और झाझरा में हाईवे पर जो जमीन ली है यदि उसकी डील हो जाती है तो उसे 80-90 करोड़ का फायदा होगा, जिसमें से मंजेश आधा हिस्सा मांग रहा है. यदि वो (अर्जुन) मंजेश की हत्या कर दे तो वो उसे उसके एवज में 10 करोड़ रुपए देगा. इस डील पर अर्जुन तैयार हो गया.
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अर्जुन ने सचिन के साथ मिलकर बनाया प्लान: पुलिस के मुताबिक, अर्जुन ने मंजेश की हत्या के लिए अपने एक साथी सचिन को प्लान में शामिल किया. अर्जुन ने सचिन को बताया कि मंजेश के खाते में 38 लाख रुपए हैं और उसके मोबाइल पिन की जानकारी है. यदि उन्होंने मंजेश की हत्या कर दी तो वो पैसे को उसके खाते से निकाल सकते हैं. इसके बाद दोनों ने मंजेश को मारने का प्लान बनाया.
प्लान के अनुसार, मंजेश को पार्टी के बहाने सचिन के कमरे यमुनोत्री विहार फेस-2 चंद्रबनी में बुलाया गया. वारदात से एक दिन पहले सचिन और अर्जुन ने संजय उर्फ फौजी से मुलाकात भी की थी. फौजी ने दोनों को खर्च के तौर पर 10 हजार रुपए भी दिए थे. अगले दिन भी कुछ पैसे देने की बात कही थी.वारदात की शाम भी दोनों आरोपी दोबारा से संजय उर्फ फौजी से मिले, जहां संजय ने 2-4 दिन में जमीन का पेमेंट आने पर उन्हें पूरा पैसा एक साथ देने की बात कही. जिस पर अर्जुन राजी हो गया. अर्जुन ने रात में मंजेश को पार्टी के बहाने सचिन के कमरे में बुलाया, जहां मंजेश को शराब पिलाने के बाद सचिन और अर्जुन ने जूते के फीते से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी.हत्या के बाद दोनों मंजेश के शव को ठिकाने लगाना चाहते थे, लेकिन दोनों में से किसी को भी गाड़ी चलानी नहीं आती थी. इसलिए अर्जुन ने अपने एक अन्य साथी शुभम को मंजेश की हत्या के बारे में बताया और उसे शव को ठिकाने लगाने की बात कही, लेकिन शुभम ने साथ देने से इंकार कर दिया.
हत्या के बाद अर्जुन ने मृतक मंजेश के गले में पड़ी चेन, अंगूठी और गाड़ी की चाबी अपने पास रख ली. सुबह के समय दोनों आरोपी शव को ठिकाने लगाने की योजना बना ही रहे थे कि इतने में पुलिस आ गई. जिस वजह से दोनों आरोपी घबरा गए और छत से नीचे कूदकर फरार हो गए. मंजेश की हत्या के बाद अर्जुन फिर से संजय उर्फ फौजी से मिला और उसे वारदात के बारे में पूरी जानकारी दी. साथ ही मंजेश की गाड़ी की चाबी भी अर्जुन ने फौजी को ही दे दी थी. फौजी ने अर्जुन को 50 हजार रुपए दिए और उसे अपनी गाड़ी से ग्राफिक ऐरा हॉस्पिटल झाझरा के पास छोड़ा, जहां से अर्जुन अपने साथी अफजल के कमरे में गया.
पुलिस के मुताबिक, अर्जुन एक दिन अपने दोस्त अफजल (निवासी विकासनगर) के कमरे पर ही रुका था. अगले दिन अर्जुन ने अफजल को मंजेश की चेन और अंगूठी दी और वहां से हरियाणा चला गया. अफजल का भी आपराधिक इतिहास है, वो भी मर्डर केस में जेल जा चुका है. इस बीच पुलिस ने आरोपी सचिन को रविवार (1 दिसंबर) को देहरादून के आशारोड़ी जंगल से गिरफ्तार किया था. अर्जुन को खबर लग गई थी कि पुलिस ने सचिन को गिरफ्तार कर लिया है. इसलिए वो पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए सोनीपत कोर्ट में सरेंडर करने की योजना बना रहा था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसे कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिया. सचिन और अर्जुन पहले भी हत्या के एक मामले में जेल जा चुके हैं. जेल में ही दोनों की पहचान हुई थी.
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