in , , ,

डाकिया ने 16 KM पैदल चलकर 7 साल की मिष्टी का पत्र बाबा केदार तक पहुंचाया, खूब हो रहा है वायरल –

रुद्रप्रयाग – गौरीकुंड हाईवे पर केदारनाथ के यात्रा के मुख्य पड़ाव मुनकटिया में 7 वर्षीय बच्ची मिष्टी के दादा बहुत बीमार थे। चिकित्सकों ने भी जब आखिरी उम्मीद बाबा केदार पर छोड़ दी, तो मिष्टी ने भगवान केदारनाथ को अपने दादा को जल्द स्वस्थ करने के लिए एक पत्र लिख दिया।

 

डाक विभाग में डाकिया की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है और वह किसी के सुख-दुःख के पत्रों को कैसे उनके सगे-संबंधियों तक पहुंचाता है, इस संदेश को आमजन तक पहुंचाने के लिए डाक विभाग ने एक डाक्यूमेंट्री बनाई है, जो सोशल मीडिया पर खूब पसंद की जा रही है।

 

आस्था व भक्ति के साथ जिम्मेदारी के साथ एक डाकिया की भूमिका को डाक विभाग ने बखूबी बताया है। ये कहानी, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर केदारनाथ के यात्रा के मुख्य पड़ाव मुनकटिया की है, जहां पर एक सात वर्षीय बच्ची मिष्टी के दादा जी बहुत बीमार होते हैं। चिकित्सक भी जब आखिरी उम्मीद बाबा केदार पर छोड़ देते हैं, तब मिष्टी स्वयं भगवान केदारनाथ को अपने दादा को जल्द स्वस्थ करने के लिए पत्र लिखने का निर्णय लेती है।

 

वह घर में रखे पोस्टकार्ड पर भगवान भोलेनाथ को पत्र लिखती है, कि भोलेनाथ डाक्टरों ने भी उम्मीद छोड़ दी है, अब आप ही मेरे दादा जी को स्वस्थ कीजिये। यह पत्र वह अपने गांव में लगी डाक विभाग की पत्रपेटी में डाल देती है।

 

दूसरे दिन ही यह पत्र गौरीकुंड स्थित डाकघर में पहुँच जाता है, जहां पोस्टमास्टर-पोस्टमैन गणेश गोस्वामी पत्रपेटी से सभी डाक निकालते हैं और वितरण के लिए छांटते हैं, फिर उनकी नजर एक पोस्टकार्ड पर पड़ती है, जो एक बच्ची ने भोलेनाथ केदार बाबा के लिए लिखा हुआ था।

 

पोस्टकार्ड को पढ़कर भावुक हो जाता है डाकिया – वह पोस्टकार्ड को पढ़कर भावुक हो जाते हैं और बच्ची की प्रार्थना को सर्वोपरि मानते हुए केदारनाथ के लिए रवाना हो जाते हैं, 16 किमी पैदल दूरी तय कर डाकिया केदारनाथ पहुंचते हैं और सीधे मंदिर परिसर में भगवान केदारनाथ के सेवक नंदी महाराज के चरणों में बच्ची के लिखे पोस्टकार्ड को रखकर स्वयं भी उसके दादू के ठीक होने की प्रार्थना करते हैं। इसके बाद वह धाम से लौट जाते हैं।

”कुछ दिन बाद मिष्टी के घर एक पत्र आया, जिसमें लिखा था कि तुम्हारे दादू जल्द ठीक हो जाएंगे, तुम खुद का भी ध्यान रखना” – तुम्हारे भोलेनाथ जी। कुछ समय बाद मिष्टी के दादा स्वस्थ हो जाते हैं और अब वह अपने दादा के साथ खूब खेल रही है।

What do you think?

Written by Prachi Saklani

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

GIPHY App Key not set. Please check settings

टिहरी गढ़वाल में अवैध शराब के साथ एक व्यक्ति गिरफ्तार –

महिला पर 2 खूंखार रॉटविलर ने किया हमला, घर की दीवार फांदकर कुत्तों ने नोचा, 200 टांके लगे और दो हड्डियां टूटीं –