Uttarkashi News:
उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी क्षेत्र में यमुना नदी पर बनी अस्थायी झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। झील का पानी कम नहीं हो रहा है, जिसकी वजह से आसपास के घरों, होटलों और अन्य भवनों में पानी घुस गया है। हालात बिगड़ने पर ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
झील बनने की वजह
बीते गुरुवार को उत्तरकाशी न्यूज़ में सामने आई जानकारी के अनुसार, यमुनोत्री हाईवे पर स्यानाचट्टी के पास कुपड़ा खड्ड में अचानक मलबा और बड़े-बड़े पत्थर आ गए। इससे यमुना नदी का बहाव रुक गया और नदी पर अस्थायी झील बन गई। देखते ही देखते जलस्तर बढ़ने लगा और सैकड़ों लोग प्रभावित हो गए।
घरों और होटलों में घुसा पानी
स्थिति गंभीर होने पर प्रशासन और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्यानाचट्टी, कुथनौर और खराड़ी क्षेत्रों के सभी भवनों व होटलों को खाली कराया। अब तक करीब 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके बावजूद स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने समय रहते सही कदम नहीं उठाए, जिस कारण नुकसान बढ़ा।
राफ्ट से पहुंचे अधिकारी
प्रभावित क्षेत्र में जब झील का पानी बढ़ा तो जिलाधिकारी बृजेश कुमार तिवारी, स्थानीय विधायक और जिला पंचायत अध्यक्ष राफ्ट के जरिए मौके पर पहुंचे। लेकिन यहां उन्हें ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए।
राहत और जल निकासी की कोशिश
डीएम तिवारी ने आश्वासन दिया कि झील का पानी जल्द सुरक्षित तरीके से निकाला जाएगा। इसके लिए PWD, SDRF, सिंचाई विभाग और अन्य एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। प्रशासन का कहना है कि पिछले एक घंटे में झील के जलस्तर में दो फुट की कमी दर्ज की गई है।
CM धामी के सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घटना पर चिंता जताते हुए आपदा प्रबंधन सचिव को तत्काल प्रभाव से कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन को आदेश दिया कि झील से सुरक्षित जल निकासी और चैनलाइजेशन की ठोस व्यवस्था की जाए, ताकि आगे कोई बड़ी त्रासदी न हो।
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