राज्य के छह राजनैतिक दलों के लिए चुनाव आयोग ने नोटिस कर दिया है, जिसके तहत अब 15 दिन में दलों को जवाब देना होगा, भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड में बीते 6 साल से निष्क्रिय 6 पंजीकृत राजनैतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
ये सभी वे दल हैं जिन्होंने वर्ष 2019 से अब तक 6 वर्षों में एक भी चुनाव में प्रतिभाग नहीं किया है और जिनके कार्यालयों का कोई भौतिक पता भी नहीं मिल पाया है, दलों को इस नोटिस का जवाब 21 जुलाई शाम 5 बजे तक कर दिया है।
आयोग के निर्देशानुसार उत्तराखंड में वर्तमान में 42 पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से कई दल ऐसे हैं जो पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों (आर यू पी पी) में बने रहने की आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, इस संबंध में उत्तराखंड के 6 ऐसे दलों की पहचान की गई है |
इन दलों की अंतिम डीलिस्टिंग का निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जाएगा, देश में राजनैतिक दलों (राष्ट्रीय/राज्यीय/अमान्यता) का पंजीकरण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है।
भारत निर्वाचन आयोग का उद्देश्य इस पूरे अभ्यास में राजनैतिक व्यवस्था का शुद्धिकरण एवं चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा देना है।
इन दलों के लिए जारी किया गया है नोटिस –
1 – भारतीय जनक्रान्ति पार्टी – 12/17 चक्खुवाला, देहरादून
2 – हमारी जनमन्च पार्टी – 1/12 न्यू चक्खुवाला, देहरादून
3 – मैदानी क्रान्ति दल – मस्जिद वाली गली, माजरा, देहरादून
4 – प्रजा मण्डल पार्टी – बर्थवाल निवास, शीतला माता मन्दिर मार्ग, लोवर भक्तियाना श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल
5 – राष्ट्रीय ग्राम विकास पार्टी – 62 सिविल लाईन, रुड़की हरिद्वार
6 – राष्ट्रीय जन सहाय दल – 112-न्यू कनॉट प्लेस, देहरादून
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