बागेश्वरः उत्तराखंड जिस कारण अलग हुआ लेकिन आज 24 साल बीतने के बाद भी पहाड़ की समस्याएं जस की तस बनी हुई है। मूलभूत सुविधाओं से वचिंक पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों को जीवन यापन करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सड़क और स्वास्थ्य सेवाएं पहाड़ों पर न होने के कारण दुर्गम क्षेत्र के लोग आज भी डंडी-कंडी के सहारे है। ऐसा ही मामला बागेश्वर से सामने आया है। बागेश्वर के दुर्गम क्षेत्र में एक बीमार अधेड़ महिला को ग्रामीण डोली में रखकर नजदीकी मोटर मार्ग तक ले जाया गया है।
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मिली जानकारी के अनुसार बागेश्वर जिले में कपकोट के दुर्गम बीथि गांव निवासी 45 वर्षीय बीना देवी के अचानक पेट मे दर्द हो गया। गांव में चिकित्सकीय सुविधा नहीं होने के कारण परिजन और ग्रामीण बिना देवी को 5 किमी डोली में रखकर पैदल मुख्य सड़क तक ले आए। सड़क से वंचित ग्रामीण बिना देवी को कंधों पर लादकर उबड़ खाबड़ जंगली मार्गों से पैदल ही लगभग पांच किलोमीटर ले गए। बीना देवी को सड़क मार्ग तक पहुँचने के बाद मोटर से बागेश्वर अस्पताल के लिए रवाना किया गया। ये मामला बीमारों, गर्भवती महिलाओं, बीमार बच्चों व बुजुर्गों को ले जाते समय का आम है, जो आजादी के इतने लंबे समय बाद भी व्यवस्था की लाचारी को दर्शाता है।
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ग्रामिणों का कहना है कि कुछ समय पहले इस समस्या को लेकर वो केदारेश्वर मैदान में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दे चुके हैं। पहले भी पूर्व विधायक और कैबिनेट मंत्री ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। लगभग 250 लोगों की आबादी का ये गाँव नेटवर्क से भी वंचित है।
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