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उत्तराखंड देवभूमि के ये 5 खूबसूरत गाँव पर्यटकों के लिए स्वर्ग हैं

उत्तराखंड देवभूमि उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है, और यहां के गाँव इसकी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता का जीवंत उदाहरण हैं। शांत वातावरण, हरियाली, और हिमालय की गोद में बसे ये गाँव हर प्रकृति प्रेमी के लिए स्वर्ग से कम नहीं। यदि आप भीड़भाड़ से दूर सुकून भरे पलों की तलाश में हैं, तो ये 5 गाँव आपकी यात्रा सूची में जरूर होने चाहिए

1. मलारी गाँव

  • स्थान: चमोली जिला
    मलारी गाँव भारत-चीन सीमा के पास बसा हुआ है और इसकी खासियत यहाँ के अनोखे पत्थर के घर और बर्फीली चोटियों का अद्भुत नज़ारा है। यहाँ आपको स्थानीय संस्कृति का भी अनूठा अनुभव मिलेगा।
  • मलारी गाँव

क्या करें?

  • ट्रेकिंग और प्रकृति फोटोग्राफी।
  • स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लें।

2. खाती गाँव

  • स्थान: बागेश्वर जिला
    खाती गाँव, पिंडारी ग्लेशियर ट्रेक का बेस कैंप है। यहाँ की शांत वादियाँ और देवदार के घने जंगल आपकी यात्रा को यादगार बना देंगे।

क्या करें?

  • पिंडारी ग्लेशियर की ट्रेकिंग।
  • ग्रामीण जीवन का अनुभव।

3. चोपता गाँव

  • स्थान: रुद्रप्रयाग जिला
    चोपता को “मिनी स्विट्जरलैंड” के नाम से जाना जाता है। यह जगह तुंगनाथ मंदिर और चंद्रशिला ट्रेक के लिए मशहूर है। हरियाली और पहाड़ी नज़ारे इसे खास बनाते हैं।

क्या करें?

  • तुंगनाथ और चंद्रशिला ट्रेक।
  • बर्ड वॉचिंग और कैम्पिंग।

4. कौसानी गाँव

  • स्थान: बागेश्वर जिला
    कौसानी को “भारत का स्विट्जरलैंड” कहा जाता है। यहाँ से हिमालय की त्रिशूल, नंदा देवी और पंचचूली चोटियों का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है।

क्या करें?

  • सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा देखें।
  • चाय बागानों की सैर करें।

5. मुनस्यारी गाँव

  • स्थान: पिथौरागढ़ जिला
    मुनस्यारी को ट्रेकर्स का स्वर्ग माना जाता है। यहाँ से पंचचूली चोटियों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।

क्या करें?

  • मीलम और रालम ग्लेशियर की ट्रेकिंग।
  • कुमाऊं संस्कृति का अनुभव।

कैसे पहुंचें?

उत्तराखंड के इन गाँवों तक पहुँचने के लिए आप देहरादून, ऋषिकेश या काठगोदाम से बस या टैक्सी ले सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम और हवाई अड्डा जॉलीग्रांट (देहरादून) है।

कब जाएं?

  • अप्रैल से जून और अक्टूबर से दिसंबर के बीच का समय यहाँ घूमने के लिए सबसे अच्छा है। सर्दियों में बर्फबारी का आनंद लेना हो तो दिसंबर-जनवरी सबसे सही समय है।

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उत्तराखंड के ये गाँव न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं, बल्कि यहाँ का शांत माहौल और स्थानीय संस्कृति आपको नई ऊर्जा से भर देगी। तो देर किस बात की? अपनी अगली यात्रा की योजना बनाएं और इन स्वर्ग जैसे गाँवों का अनुभव करें।

क्या आप उत्तराखंड की यात्रा कर चुके हैं? अपने अनुभव हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं!

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Written by Neeraj Gusain

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