🔴 UCC लागू होते ही उत्तराखंड में हाहाकार! आम जनता पर टूटा बड़ा संकट?
🎙️आज हम बात करेंगे उस नए कानून की, जिसे उत्तराखंड सरकार ने जबरन जनता पर थोप दिया है—जी हां, समान नागरिक संहिता (UCC)!
सरकार इसे एक ऐतिहासिक फैसला बता रही है, लेकिन क्या यह सच में उत्तराखंड की जनता के हक़ में है? या फिर यह हमारे समाज और रीति-रिवाजों को तहस-नहस करने की एक नई साजिश है? आइए, जानते हैं कि इस कानून के कारण उत्तराखंडवासियों को क्या-क्या नुकसान झेलने पड़ सकते हैं!
लोकल रीति-रिवाजों पर संकट! – देवभूमि की पहचान पर UCC का हमला?
उत्तराखंड की संस्कृति, उसकी पहचान और परंपराएं हमेशा से देवभूमि की धरोहर रही हैं! लेकिन अब UCC के नाम पर हमारी जड़ों पर ही प्रहार किया जा रहा है! क्या यह नया कानून उत्तराखंड की आत्मा को कुचलने की एक साजिश है?
आज हम आपको बताएंगे कि कैसे उत्तराखंड की सदियों पुरानी परंपराएं, शादी–ब्याह के रीति–रिवाज, और पहाड़ के समाज की विशेष पहचान पर UCC की मार पड़ने वाली है!
🔴 1. पहाड़ी समाज की अनदेखी! – ‘दिल्ली में बैठे नेता, पहाड़ के रीति-रिवाजों से अनजान!’
👉 उत्तराखंड में हर जाति, हर समाज की अपनी परंपराएं रही हैं।
👉 शादी-विवाह, संपत्ति के नियम और सामाजिक व्यवस्थाएं स्थानीय मान्यताओं के हिसाब से तय होती थीं।
👉 लेकिन अब दिल्ली में बैठे कुछ ‘बड़े साहब’ हमारी परंपराओं को कानून के नाम पर कुचलने की तैयारी कर चुके हैं!
बड़ा सवाल:
➡️ क्या मैदानी इलाकों के लिए बने नियम पहाड़ी समाज पर जबरन थोपे जा सकते हैं?
➡️ क्या सरकार ने ये तय करने से पहले उत्तराखंड के लोगों से उनकी राय ली?
🔴 2. ‘बेटियां तो पराई होती हैं’ – कहीं यह सोच फिर से ना लौट आए!
उत्तराखंड में बेटियां हमेशा से अपने माता–पिता की जिम्मेदारी उठाती आई हैं। लेकिन UCC के बाद बेटियों के हक पर गहरा संकट मंडराने वाला है!
👉 अभी तक पहाड़ों में बेटियों को पैतृक संपत्ति में हक मिलता था क्योंकि वे अपने बुजुर्ग माता–पिता की सेवा करती थीं।
👉 लेकिन UCC के बाद अगर पारंपरिक नियम बदले जाते हैं, तो बेटियों का अधिकार सीमित हो सकता है।
👉 क्या सरकार पहाड़ी महिलाओं की स्थिति को और कमजोर करने की साजिश रच रही है?
सोचिए! अगर पहाड़ की बेटियों को पैतृक संपत्ति से दूर कर दिया जाए, तो उनका सहारा कौन बनेगा?
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🔴 3. शादी-ब्याह के नियमों पर सीधा हमला! – ‘पंडितों की भूमिका खत्म?’
उत्तराखंड में शादी–ब्याह की पारंपरिक रस्में और संस्कार हमेशा से बेहद खास रहे हैं। लेकिन अब UCC के कारण इसमें भी सरकार की दखलअंदाजी बढ़ने वाली है!
👉 उत्तराखंड में कई जातियों में पारंपरिक रीति से शादी की जाती थी, लेकिन अब कोर्ट मैरिज और सरकारी हस्तक्षेप के कारण हमारी परंपराएं कमजोर हो सकती हैं।
👉 सरकार ने क्या पहाड़ के पंडितों से पूछा कि वे इस बदलाव से सहमत हैं या नहीं?
👉 क्या अब मंदिरों और धार्मिक विधानों के बिना शादी होगी?
अगर सरकार परंपराओं में बदलाव कर सकती है, तो कल को मंदिरों में होने वाली पूजा–पाठ पर भी सवाल खड़े कर सकती है!
🔴 4. पहाड़ों की जमीन बिकेगी! – ‘बाहरी लोगों के लिए रास्ता खोल रहा UCC?’
उत्तराखंड में पहले से ही बाहरी लोगों के बसने का खतरा बना हुआ था, लेकिन UCC के बाद यह खतरा कई गुना बढ़ सकता है!
👉 अगर संपत्ति के पुराने नियम बदले जाते हैं, तो बाहरी लोग उत्तराखंड में बसने लगेंगे।
👉 पहाड़ की जमीनें बिकेंगी और पहाड़ के लोग अपनी ही मिट्टी से बेदखल हो जाएंगे!
👉 क्या सरकार ने यह सोचा है कि इससे स्थानीय लोगों की जीविका और संस्कृति पर क्या असर पड़ेगा?
क्या UCC उत्तराखंड को ‘दूसरा कश्मीर’ बनाने की साजिश है?
🔴 5. ‘देवभूमि में नई संस्कृति की घुसपैठ!’ – क्या उत्तराखंड की पहचान ही बदल जाएगी?
👉 उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, यहां की परंपराएं हजारों साल पुरानी हैं।
👉 लेकिन अब बाहरी प्रभाव इतना बढ़ रहा है कि भविष्य में यहां की धार्मिक संस्कृति ही बदल सकती है!
👉 UCC लागू होने के बाद अगर बाहरी समुदायों का हस्तक्षेप बढ़ा, तो क्या हमारी परंपराओं का अस्तित्व भी रहेगा?
📢 उत्तराखंड के लोगों से सीधा सवाल!
👉 क्या सरकार जबरन हमारे रीति–रिवाजों को कुचल रही है?
👉 क्या UCC से पहाड़ के लोगों की पहचान मिट जाएगी?
👉 क्या यह उत्तराखंड को बाहरी प्रभावों के लिए खोलने की चाल है?
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