अटारी, अमृतसर | 14 मई 2025 करीब 20 दिनों की पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में रहने के बाद, बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को बुधवार सुबह भारत को सौंप दिया गया। यह वापसी सुबह करीब 10:30 बजे अटारी, अमृतसर स्थित जॉइंट चेक पोस्ट (JCP) पर हुई। यह पूरा घटनाक्रम शांतिपूर्वक और तय प्रोटोकॉल के अनुसार संपन्न हुआ।
बीएसएफ के अनुसार, 182वीं बटालियन से जुड़े जवान पूर्णम शॉ 23 अप्रैल को ड्यूटी के दौरान गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान चले गए थे। उस समय वह पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में सीमा पर तैनात थे, वर्दी में थे और उनके पास उनकी सर्विस राइफल भी थी।
बताया जा रहा है कि कड़ी धूप से राहत पाने के लिए जब वे पास ही किसी छायादार स्थान की ओर बढ़े, तो अनजाने में उन्होंने सीमा पार कर ली। इसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया।
भारत-पाक रिश्तों में नरमी के संकेत
इस घटना के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल था। 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब दिया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों और नागरिक इलाकों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान की हर चाल को मुंहतोड़ जवाब दिया।
इन परिस्थितियों में 10 मई को दोनों देशों ने संघर्ष विराम पर सहमति जताई, जिसके बाद जवान शॉ की वापसी का रास्ता साफ हुआ। माना जा रहा है कि भारत की कूटनीतिक सक्रियता और सीमा पर सख्त रुख के चलते पाकिस्तान ने जवान को लौटाने में देर नहीं की।
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वापसी के बाद पूछताछ और मेडिकल जांच
वापसी के बाद जवान पूर्णम शॉ को बीएसएफ अधिकारियों द्वारा पूछताछ और मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया गया है। सुरक्षा एजेंसियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि हिरासत के दौरान किसी प्रकार की अनुचित पूछताछ या दबाव तो नहीं डाला गया।
मानवता की एक किरण
इस घटनाक्रम ने यह भी दिखाया कि सीमा पार की सियासत कितनी भी सख्त हो, लेकिन एक इंसानियत की भावना दोनों देशों में अब भी जिंदा है। एक गलती से दूसरी सरहद में चले गए जवान की सुरक्षित वापसी इस बात का संकेत है कि संवाद और संयम से बड़ी से बड़ी गलतफहमी को सुलझाया जा सकता है।
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