फिल्म बस्तर द नक्सली,
- फिल्म बस्तर द नक्सली स्टोरी में इसकी दोनों मुख्य अभिनेत्री अदा शर्मा और इंदिरा तिवारी ने जबर्दस्त अभिनय किया है,
- लेकिन फिल्म की एक साथ चार राहों से आगे बढ़ती पटकथा उनके अभिनय के असर को कमजोर करती है,
- सर्वोच्च न्यायालय में एक आईपीएस अफसर को निलंबित करने और दो सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की कहानी के बीच में किस्सा आता है,
- रत्न के पति को तिरंगा फहराने पर क्रूरता से मार दिए जाने का नक्सलियों से मिलने दुनिया भर के आतंकी संगठनों के लोग बस्तर तक पहुंच जाते हैं,
- फर्जी समाज सेवायों के खिलाफ नक्सलियों की मदद के सबूत बस्तर से दिल्ली तक नहीं पहुंच पाते हैं आईपीएस माधवन गर्भवती है.
- रतन सलवार में शामिल हो चुकी है और उसका बेटा नक्सलियों के गृह में एक अच्छी कहानी पर ढंग से पटकथा लिखी गई होती तो यह फिल्म सूचनात्मक होने के साथ-साथ भावनात्मक रूप से सरदार भी हो सकती थी
- फिल्म की मुख्य कमजोरी इसकी तेजी से भक्ति पटकथा है और उसमें भी सूचनाओं का जरूरत से ज्यादा समावेश फिल्म दिखाई कम है बताती ज्यादा है
- हिंसा का अतिरेक भी कहीं-कहीं अनावश्यक लगता है अदा शर्मा का किरदार छत्तीसगढ़ में तैनात रहे एक पुरुष आईपीएस अधिकारी से प्रेरित है
- सरकार में हुए उसके उत्पीड़न की कहानी अदा शर्मा के इस किरदार के जरिए पर्दे पर उतर गई है लेकिन जो विलन को मार वही हीरो या हीरोइन वाले फार्मूले से देखे तो फिल्म की मुख्य नायिका इंदिरा तिवारी है
- इंदिरा ने इस किरदार के लिए अपना वजन बढ़ाया और इस किरदार में खुद को रंगने के लिए मेहनत भी काफी की है
- इंदिरा के लिए हिंदी सिनेमा में अब आगे बहुत अफसर आने वाले हैं बस उनको अपने किरदार चुनने में काफी सावधानी बरतनी होगी देश के ही एक हिस्से में तिरंगा उतरकर अपना झंडा फहराने वालों के चेहरों से नकाब उतरने की यह अच्छी कोशिश बन पड़ी है!
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