उधमसिंह नगर: उत्तराखंड में विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश हो गया है। पुलिस ने इस गिरोह के मुख्य आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है और उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
ऐसे हुआ मामला उजागर
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने इस धोखाधड़ी का खुलासा करते हुए बताया कि 16 फरवरी को रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा के सहयोगी अभिषेक मिश्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, 13 फरवरी को विधायक के पास एक अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आई।
कॉल करने वाले ने खुद को गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह के रूप में पेश किया और दावा किया कि उत्तराखंड सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री पद दिया जा सकता है। उसने यह भी बताया कि इस विषय में जेपी नड्डा से भी चर्चा हो चुकी है और पार्टी फंड के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग की गई।
संदेह हुआ तो पोल खुली
विधायक को इस कॉल पर शक हुआ और उन्होंने अमित शाह व जेपी नड्डा से सीधी बातचीत कराने को कहा। लेकिन जब फोन करने वाला टाल-मटोल करने लगा, तो संदेह और बढ़ गया। अन्य माध्यमों से पड़ताल करने पर कॉलर के फर्जी होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद पुलिस को शिकायत दी गई।
दिल्ली से मुख्य आरोपी गिरफ्तार
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इस ठगी के पीछे गौरव नाथ नामक व्यक्ति का हाथ है, जो दिल्ली के गाजीपुर स्थित सपेरा बस्ती का रहने वाला है। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए पूर्वी दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के पास से आरोपी को धर दबोचा।
चार राज्यों के विधायकों को बनाया निशाना
गिरफ्तार आरोपी गौरव नाथ, उसके साथी उवैश और प्रियांशु पंत मिलकर यह ठगी चला रहे थे। ये तीनों नशे के आदी हैं और ऐशो-आराम की जिंदगी जीने के लिए इस ठगी को अंजाम दे रहे थे।
इस गिरोह ने ईसीआई एफिडेविट साइट से मणिपुर, ओडिशा, कर्नाटक और उत्तराखंड के विधायकों के मोबाइल नंबर हासिल किए। इसके बाद, विकिपीडिया से उनके बारे में पूरी जानकारी जुटाकर उन्हें मंत्री पद दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये ठगने की योजना बनाई गई।
अगर कोई विधायक पैसे देने से इनकार करता, तो ये लोग ब्लैकमेल और बदनाम करने की धमकी देकर पैसे ऐंठने की फिराक में रहते।
पहले भी ठगी के केस में जा चुके हैं जेल
गौरव नाथ और उसके साथी सर्वेश मिश्रा और विशेष कुमार पहले भी दिल्ली में ठगी के एक मामले में जेल जा चुके हैं।
पुलिस कर रही आगे की जांच
इस हाई-प्रोफाइल ठगी के मामले में पुलिस आगे की जांच कर रही है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि क्या इस गिरोह के तार अन्य राज्यों या नेताओं से भी जुड़े हुए हैं।
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