अहमदाबाद विमान हादसे में एकमात्र जीवित बचे यात्री रमेश विश्वास ने अपना खौफनाक अनुभव साझा किया है। उसने बताया मेरे आसपास लाशें बिखरी पड़ी हुई थी |
इकलौते बचे यात्री की आपबीती उसी के शब्दों में जानिए…
” मैं एक दम घबरा गया !!!!!! सब कुछ मेरी नजरों के सामने हुआ | मुझे खुद भरोसा नहीं हो रहा कि मैं कैसे उसमें से जिंदा बाहर निकल सका। क्रैश होने के बाद कुछ देर के लिए मुझे लगा कि मैं भी मरने ही वाला हूं। जब आंख खुली तो एहसास हुआ कि मैं जिंदा हूं। मैंने सीट बेल्ट खोला और मैंने बाहर निकलने की कोशिश की। मेरी नजरों के सामने एयर होस्टेस और कुछ अंकल-आंटी खत्म हो गए। ” और बाहर की ओर दौड़ा।
टेक ऑफ होते ही एक मिनट बाद 5-10 सेकंड के लिए लगा कि प्लेन कहीं फंस गया है। बाद में प्लेन में हरी और सफेद लाइटें ऑन हो गईं। फिर उसकी रफ्तार अचानक बढ़ गई और वह तेज रफ्तार के साथ एक इमारत (हॉस्टल) से जा टकराया।
” मैं जिस तरफ था, वहां से प्लेन जमीन की तरफ क्रैश हुआ था। वहां थोड़ी जगह थी। मैं जहां था, वहां प्लेन का दरवाजा टूटा। वहां थोड़ी जगह बनी। मैंने बाहर आने की कोशिश की तो मैं बाहर आ पाया। विमान के अंदर मेरी विपरीत दिशा जो लोग बैठे थे, प्लेन क्रैश होने पर उनकी तरफ इमारत की दीवार आ गई, शायद इसलिए वो नहीं निकल पाए। …जब भीषण आग लगी तो मेरा एक हाथ भी जल गया। फिर मैं पैदल चलकर कुछ दूर आया। फिर एंबुलेंस मिल गई और अस्पताल पहुंच सका। ”
रमेश विश्वास कुमार ने बताया कि ” मैं भारत में अपने परिवार से मिलने के बाद भाई के साथ ब्रिटेन जा रहा था। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जब मुझे होश आया तो मेरे अगल-बगल लाशें ही लाशें थी। मैं डर कर भागा। मेरे चारों ओर विमान के टुकड़े पड़े हुए थे। किसी ने मुझे पकड़ लिया और एंबुलेंस में डालकर अस्पताल ले जाया गया ”
अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI-171 में रमेश विश्वास 11A सीट पर बैठे थे। रमेश की उम्र 40 वर्ष है और वे एक ब्रिटिश नागरिक हैं। रमेश का जो वीडियो सामने आया उसमें देखा गया कि वो हल्के घायल हैं और वो थोड़ा लंगड़ाकर चल रहे हैं। एक डॉक्टर ने उनकी मदद की। रमेश के चेहरे पर चोट के निशान थे और उसकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी। रमेश विमान की सीट 11ए पर बैठे थे। उन्होंने बताया कि उनका भाई अजय विमान में एक अलग पंक्ति में बैठा था। उन्होंने उसे खोजने के लिए लोगों से मदद भी मांगी।
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