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टिहरी गढ़वाल के नवागांव में लोकतंत्र की अनूठी मिसाल: अशरफी देवी निर्विरोध प्रधान चुनी गईं

टिहरी गढ़वाल के नवागांव में लोकतंत्र की अनूठी मिसाल: अशरफी देवी निर्विरोध प्रधान चुनी गईं

टिहरी गढ़वाल। थौलधार ब्लॉक की ग्राम सभा नवागांव ने लोकतंत्र और सामाजिक सौहार्द की एक अनूठी मिसाल पेश की है। यहां के ग्रामवासियों ने आपसी मतभेद और चुनावी खींचतान से ऊपर उठकर सर्वसम्मति से अशरफी देवी को ग्राम प्रधान चुन लिया है।

ग्राम सभा नवागांव में इस बार प्रधान पद के लिए कोई मुकाबला नहीं हुआ। गांव के सभी लोगों ने एकजुट होकर यह निर्णय लिया कि विकास के कार्यों और भाईचारे को प्राथमिकता देते हुए वे निर्विरोध प्रधान चुनेंगे। इस निर्णय के तहत अशरफी देवी को गांव की पहली महिला निर्विरोध प्रधान घोषित किया गया।

ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत चुनाव अक्सर गांवों में छोटे-छोटे मतभेद पैदा कर देते हैं, जिससे भाईचारा कमजोर होता है। इस बार ग्रामवासियों ने यह ठान लिया कि वे ऐसा नहीं होने देंगे। सभी ने मिलकर अशरफी देवी के नाम पर सहमति बनाई, जिससे ना सिर्फ समय और संसाधन बचे बल्कि गांव में एकता और आपसी सहयोग का संदेश भी गया।

टिहरी गढ़वाल के नवागांव में लोकतंत्र की अनूठी मिसाल: अशरफी देवी निर्विरोध प्रधान चुनी गईं

गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका मानना है कि चुनावी प्रतिस्पर्धा के बजाय संवाद और सहमति से नेतृत्व चुनना गांव के विकास और सामाजिक एकता के लिए बेहतर रास्ता है।

अशरफी देवी ने निर्विरोध चुने जाने पर ग्रामवासियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि वे सबके सहयोग से गांव के विकास के लिए ईमानदारी और निष्ठा से काम करेंगी।

स्थानीय प्रशासन और पंचायत विभाग के अधिकारियों ने भी ग्राम सभा नवागांव के इस प्रयास की सराहना की है। अधिकारियों का कहना है कि यह मॉडल अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणादायी है।

ग्राम सभा नवागांव का यह कदम बताता है कि लोकतंत्र का असली मतलब सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि आपसी विश्वास और एकता से गांव का विकास करना है।

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Written by Neeraj Gusain

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