सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल के अंधेरे में भी अपने विचारों की मशाल जलाए रखी।
कुछ किताबें केवल पढ़ी नहीं जातीं, बल्कि आत्मा को छू जाती हैं। ‘द इमरजेंसी डायरीज: ईयर दैट फोर्ज्ड आवर लीडर्स’ ऐसी ही एक पुस्तक है, जो उस दौर की गवाही देती है, जब सच कहना अपराध था।
सीएम धामी ने कहा कि इस पुस्तक के पन्नों में तत्कालीन राजनीतिक दमन और व्यक्तिगत साहस की तस्वीर उभरती है।
इसमें उस युवा नरेंद्र मोदी की छाया दिखती है, जिन्होंने आपातकाल के अंधेरे में भी अपने विचारों की मशाल जलाए रखी।
यह पुस्तक प्रधानमंत्री मोदी की जीवन यात्रा के उस अध्याय को सामने लाती है, जिसने उन्हें तपाकर एक निर्णायक नेता बनाया।
भारत की लोकतांत्रिक आत्मा और नेतृत्व के विकास की यह गाथा पाठकों को गर्व और प्रेरणा से भर देती है।
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