एक्सिओम मिशम के तहत अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में 14 दिन बिताएंगे और इस दौरान 60 प्रयोग करेंगे। इनमें सूक्ष्मगुरुत्व में मधुमेह, इंसुलिन समेत कई अन्य प्रयोग के साथ नई तकनीकी का परीक्षण व विकास आदि शामिल किया जायेगा |
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ( ISS ) के लिए सफल उड़ान भरने के साथ ही नया इतिहास रच दिया।
3 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ रवाना हुए शुभांशु की यह यात्रा 41 साल बाद किसी भारतीय की पहली अंतरिक्ष यात्रा है। साथ ही ISS की यात्रा करने वाले वह पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं। उनसे पहले 1984 में राकेश शर्मा रूसी अंतरिक्ष यान सोयूज के जरिये अंतरिक्ष में गए थे।
अरबपति कारोबारी एलन मस्क के स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट ने बुधवार दोपहर 12:01 बजे एक्सिओम-4 मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से ISS के लिए सफल उड़ान भरी थी।
प्रक्षेपण के 10 मिनट बाद ही अंतरिक्ष यात्रियों ने पृथ्वी का चक्कर काटना शुरू कर दिया। लखनऊ निवासी शुभांशु के साथ अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अंतरिक्ष यात्री पूर्व मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन, हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपू और पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की भी ISS के लिए रवाना हुए हैं।
इस सफल प्रक्षेपण ने भारत के साथ ही पोलैंड और हंगरी के भी अंतरिक्ष यात्रियों की अंतरिक्ष में वापसी को साकार किया। यह अंतरिक्ष यान करीब 28.5 घंटे की यात्रा के बाद 26 जून बृहस्पतिवार को भारतीय समय के अनुसार शाम करीब 4:30 बजे ISS से जुड़ेगा।
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