2027 तक धूम की सड़कों से बाहर हो जाएगी डिजिटल सिटी बस और विक्रम
एक साल के लिए अनुदान पॉलिसी लागू : पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेगा लाभ
देहरादून :
राजधानी में डीजल यात्री वाहनों को हटाकर उनके स्थान पर सीएनजी या इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों की खरीद और अनुदान को लेकर शासनादेश में पूरी तस्वीर स्पष्ट कर दी गई है। कहा गया कि वर्ष 2027 तक उत्तराखंड के सिटी ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क से सभी पुराने डीजल 40 और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सीएनजी या अन्य स्वच्छ ईंधन आधारित वाहनों में बदल दिया जाएगा।
नई सीएनजी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने और पंजीकरण के बाद ही संचालकों को डीबीटी के जरिए अनुदान राशि खाते में भेजी जाएगी।
परिवहन सचिव अरविंद सिंह के अनुसार देहरादून नगर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में योजना के सफल क्रियान्वयन के बाद राज्य स्तरीय उच्च अधिकार प्राप्त समिति के की अनुमति से अन्य शहरों में चरणबद्ध तरीके से योजना को लागू किया जाएगा योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्ते भी तय की गई है। प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए वाहन संचालक को उत्तराखंड राज्य से ही नया वाहन खरीदना होगा उत्तराखंड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति शासनादेश जारी होने के साथ लागू हो गई है। यह है एक वर्ष के लिए वेद होगी।
राज्य स्तरीय उच्चअधिकार समिति समय-समय पर नीति का क्षेत्र विस्तार एवं समय सीमा में वृद्धि कर सकेगी। यह योजना परिवहन संचालकों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेगी।
खास बातें
- परिवहन विभाग नीति लागू होने के बाद वायु ध्वनि और पर्यावरण प्रदूषण का अध्ययन कराएगा यह देखा जाएगा कि इस नीति के लागू होने से पर्यावरण प्रदूषण में कितनी कमी हुई।
- परिवहन विभाग नीति के क्रियान्वयन के लिए नोडल विभाग होगा। क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षक के लिए एक राज्य स्तरीय उच्च अधिकार प्राप्त समिति और एक कार्यकारी समिति बनेगी।
- स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति के लिए दो समितियां बनाई गई है पहले राज्य स्तरीय उच्च अधिकारी प्राप्त समिति यह नीति के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों का समाधान करेगी। दूसरी समिति कार्यकारी समिति होगी जो आवेदन प्रक्रिया प्रोत्साहन राशि का वितरण, ऑनलाइन पोर्टल तैयार करना, राजकोषीय प्रोत्साहन आदि का कार्य देखेगी।
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