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लोस चुनाव : नारी न्याय का नारा, टिकट देने में किया किनारा

कांग्रेस में इस बार भी टिकट की दौड़ से महिलाएं बाहर, महिलाओं को 33% आरक्षण देने का कर रहे हैं वादा

लोस चुनाव : नारी न्याय का नारा, टिकट देने में किया किनारा

लोस चुनाव : नारी न्याय का नारा, टिकट देने में किया किनारा

कांग्रेस में इस बार भी टिकट की दौड़ से महिलाएं बाहर, महिलाओं को 33% आरक्षण देने का कर रहे हैं वादा

देहरादून। लोकसभा चुनाव में महिला मतदाताओं को साधने के लिए कांग्रेस ने बेशक नारी न्याय का नारा दिया है, लेकिन चुनाव में टिकट देने का समय आया तो पार्टी ने महिला दावेदारों से किनारा कर लिया। पार्टी आलाकमान की इस अनदेखी का असर महिला दावेदारों में दिखाई भी देने लगा है।

                                         लोस चुनाव : नारी न्याय का नारा, टिकट देने में किया किनारा

पार्टी की प्रदेश सचिव आशा लाल ने अल्मोड़ा संसदीय सीट से टिकट की दावेदारी की थी। लेकिन पार्टी ने लगातार चौथी बार इस सीट से प्रदीप टम्टा को प्रत्याशी बनाया, उपेक्षा से आशा इस कदर व्यथित है कि अब राजनीति से संन्यास लेने जा रही है।


बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की महिला नेताओं ने गढ़वाल, टिहरी और अल्मोड़ा सीट से टिकट की दावेदारी की थी। इन तीनों सीटों पर पार्टी ने पुरुष प्रत्याशी घोषित किए हैं।

गढ़वाल सीट से गणेश गोदियाल, अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा और टिहरी से ज्योत सिंह गुंनसोला को मैदान में उतरा गया है। तीन में से एक भी सीट पर टिकट न दिए जाने से महिला दावेदारों में मायूसी है पार्टी को हरिद्वार और नैनीताल सीट पर प्रत्याशी घोषित करने हैं। लेकिन इन दोनों सीटों पर पार्टी की एक भी महिला ने टिकट का दवा नहीं किया है।


यह हाल तब है जबकि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद महिलाओं को 33% आरक्षण देने का वादा कर रही है। पुराना इतिहास खंगालने से पता चलता है कि राज्य गठन के बाद प्रदेश में चार आम चुनाव हो चुके हैं। इसमें दो बार ही कांग्रेस ने अल्मोड़ा व हरिद्वार सीट पर महिला को टिकट दिया। दोनों बार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को मिला। 2004 के लोकसभा चुनाव में वह अल्मोड़ा से उम्मीदवार थी 2014 में रेणुका ने हरिद्वार सीट से चुनाव लड़ा दोनों बार ही रेणुका को हर का सामना करना पड़ा।


महिला मतदाताओं पर भाजपा – कांग्रेस का फोकस

लोकसभा चुनाव में आधी आबादी का समर्थन जताने के लिए भाजपा व कांग्रेस का महिला मतदाताओं पर फोकस है। चुनाव आयोग की जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में सर्विस वोटर को मिलाकर 39.74 लाख से अधिक महिला मतदाता है।

भाजपा प्रदेश भर में नारी शक्ति वंदन सम्मेलनों के जरिए महिला मतदाताओं को रिजाने का प्रयास कर रही है। जवाब में कांग्रेस भी नारी न्याय सम्मेलन कर रही है। भाजपा महिलाओं को स्वालंबी और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार की उपलब्धियां को गिना रही है, वहीं कांग्रेस की ओर से बढ़ते महिला अपराधों और उन्हें अधिकार दिलाने को मुद्दा बनाया गया।

भाजपा ने टिहरी सीट पर आम चुनाव में तीसरी बार माला राज्य लक्ष्मी शाह को टिकट देने महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है, लेकिन कांग्रेस इसमें पीछे रही है।

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