5 वर्षों में तीन गुना बड़े किडनी के मरीज
ऋषिकेश | एम्स में बीते 5 वर्षों में किडनी से संबंधित रोगियों की संख्या में तीन गुना जफा हुआ है। एम्स के चिकित्सकों के मुताबिक लोग किडनी की समस्या को लेकर जागरूक हो रहे हैं। समय पर इलाज मिलने से पूरी तरह स्वस्थ भी हो रहे हैं।

एम्स ऋषिकेश में वर्ष 2019 से इन्फोलॉजी विभाग की शुरुआत हुई थी। विभाग अध्यक्ष एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर शेरोन कंडारी ने बताया कि शुरुआती दौर में इन्फोलॉजी विभाग की प्रतिमा करीब 300 ओपीडी होती थी। दिसंबर 2023 तक बढ़कर 900 से 1000 प्रतिमा हो गई है।
डॉक्टर कंडारी रहती है कि ऐसा नहीं है कि इन 5 सालों में बीमारी बढ़ रही है। लोग किडनी से संबंधित रोगों के प्रति जागरूक भी हो रहे हैं। छोटी बड़ी समस्या होने पर अस्पताल पहुंच रहे हैं पहले अधिकांश वही लोग अस्पताल आते थे जिनकी किडनी से संबंधित बीमारी एडवांस स्टेज में होती थी। डॉक्टर कंडारी कहते हैं कि जागरूकता का ही परिणाम है कि समय पर उपचार होने से करीब 30 फ़ीसदी से अधिक पूर्ण रूप से स्वास्थ्य भी हो रहे हैं।
शुगर और पथरी है किडनी खराब होने का मुख्य कारण
किडनी खराब होने के सबसे मुख्य कारण शुगर और पथरी है। डॉक्टर कांडी कहती है कि शुगर की बीमारी में लगातार उच्च से किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं को काफी नुकसान होता है। शुरुआती दौर में उच्च रक्तचाप शरीर में सूजन जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं जो धीरे-धीरे किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं।
डॉक्टर कंडारी बताती हैं पथरी जब पेशाब के रास्ते में आने से दर्द होता है तो संक्रमण की संभावना रहती है यदि पेशाब लंबे समय तक रूकती है तो किडनी में सूजन आने के साथ ही अन्य दिखते भी होती है
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