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साइबर डेटा चोरी और हमले का आरोप china पर: washington

Cyber attack: चीन समर्थित साइबर जासूसी के दावों में न्यूजीलैंड भी अमेरिका और ब्रिटेन के साथ शामिल हो गया।

China Cyberattack
अमेरिका, यूके ने चीन को राज्य-समर्थित साइबर हमलों, मतदाता डेटा चोरी के आरोपों में आरोपित किया है।

साइबर डेटा चोरी और हमले का आरोप china पर: Washington

Washington, (International news): संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त राज्य की यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने चीन को राज्य-समर्थित साइबर हमलों और मतदाता चोरी का आरोप लगाया है। इस आरोप के अनुसार, china के संबंधित गणराज्य संचालित धार्मिक और नागरिक संगठनों द्वारा अमेरिका और यूके के गूगल सेवाओं पर समर्थित साइबर हमले किए गए हैं।

यूके और अमेरिका ने china के गूगल सेवाओं पर हमलों के खिलाफ नई चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही, मतदाता चोरी और साइबर हमले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी आदान-प्रदान किया गया है। यहां तक कि उन्होंने china के द्वारा अमेरिका और यूके की राजनीतिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने का आरोप भी लगाया है। china को इन हमलों के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।

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China के विदेश मंत्री ने इस आरोप को नकारा है और यहां तक कहा है कि चीन ने किसी भी तरह की अवैध साइबर हमले की कोशिश नहीं की है। वह केवल chinese नागरिकों को समर्थित करने की नीति अपना रहा है। इस संदर्भ में, अमेरिका और यूके ने china को बेहद गंभीरता से चेतावनी दी है और china को साइबर हमलों में सहायता न देने की अपील की है। इसके साथ ही, china से संबंधित तथ्यों और डेटा की सुरक्षा में विशेष सावधानी की जा रही है।

यह विवाद के बीच, बहुदलीय संबंध बनाए रखने और विभिन्न राजनीतिक विवादों को सुलझाने की चुनौती सामने है। इस परिस्थिति में, संबंधित देशों को सावधान और सख्त होने की आवश्यकता है ताकि साइबर अपराधों का मुकाबला किया जा सके। इस संदर्भ में, अमेरिका और यूके के संबंध मजबूत हो रहे हैं, जो इस मामले में सहयोग कर रहे हैं और चीन के खिलाफ कदम उठा रहे हैं।

China Cyberattack
अमेरिका, यूके ने चीन को राज्य-समर्थित साइबर हमलों, मतदाता डेटा चोरी के आरोपों में आरोपित किया है।

यहां तक कि इस मुद्दे को लेकर अमेरिकी और यूके के बीच बातचीत भी हो रही है ताकि समस्या का सही समाधान ढूंढा जा सके। china के साथ व्यापारिक और राजनीतिक संबंधों को लेकर भी इस मुद्दे का महत्वपूर्ण स्थान है। साइबर हमलों के मामले में यहां तक कि वोटर डेटा चोरी का आरोप भी china के खिलाफ उठाया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि china के द्वारा साइबर अपराधों का बढ़ता हुआ खतरा स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभर चुका है।

इस संदर्भ में, इस विवाद को निष्क्रियता से निपटने के लिए सभी संबंधित तार्किक और नैतिक उपायों की खोज और बढ़ावा देना जरूरी है। साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए गणराज्यों को सहयोग और समन्वय करने की जरूरत है ताकि वे इस संकट का सामना कर सकें।

इस समय, सुरक्षा और डेटा की सुरक्षा के लिए संबंधित देशों को एकजुट होकर यह मामला समाधान करने की आवश्यकता है ताकि साइबर अपराधों को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जा सके।

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Written by Neeraj Gusain

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